Blissful Life by Krishna Gopal
एक छोटी प्रभावशाली प्रार्थना
Letter 01: What are IQ, EQ, and SQ?
Letter 02: Spirituality Quiescent (to know the creator of the universe and its creation)
Letter 03: Relation between soul and body
Letter 05: भक्ति व ज्ञान मार्ग में अंतर
Letter 08: The future of the country is in the hands of youngsters?
Letter 09: आज की शिक्षा प्रणाली
Letter 10: शिखर पर पहुँचने का रास्ता
Letter 11: भारत दुनिया का अग्रणीय राष्ट्र बनने की कगार पर
Letter 13: ड्रामे का गुह्य रहस्य
आज बाह्य यात्रा के बजाय अंतर्यात्रा पर जाने का समय है

एक प्रार्थना जो हमारी ऊर्जा को जाग्रत करती है व जिसका असर अत्यंत प्रभावशाली है।
यह प्रार्थना दुनियाँ के प्रख्यात मोटीवेश्नल स्पीकर नार्मन विन्सेट पील से 1971 में USA Philadelphia में सुनी थी। यह प्रार्थना विशेषकर उस समय ताकत व हिम्मत देने वाली है, जब आप किसी दुविधा में हों।
“भगवान मुझे इतनी स्थिरता और संतुलन दो कि जो बदल नहीं सकता, उसे आपकी सौगात समझकर स्वीकार करूँ और जो बदल सकता हूँ उसके लिए हिम्मत व हौसला दो तथा इतनी सदबुद्धि दो कि मैं इसमें फर्क कर सकूँ कि क्या बदल सकता हूँ और क्या नहीं बदल सकता।”
मेरे विचार से ऐसी प्रार्थना पूरा नजरिया बदलने की क्षमता रखती है। एक मजबूत बदलाव की प्रेरणा जगाती है। ये एक कोच का कार्य करती है। आप स्वयं से बात करने लगते हैं और आपका आन्तरिक संवाद आपको एक अच्छा दोस्त बना देता है। कम शब्दों में बड़ी से बड़ी बात कह देना एक कला होती है।
अपने आप में एक सम्पूर्ण प्रार्थना