Blissful Life by Krishna Gopal
Letter 04: ड्रामे की नॉलेज (Knowledge of the world's Drama)
Letter 01: What are IQ, EQ, and SQ?
Letter 02: Spirituality Quiescent (to know the creator of the universe and its creation)
Letter 03: Relation between soul and body
Letter 05: भक्ति व ज्ञान मार्ग में अंतर
Letter 08: The future of the country is in the hands of youngsters?
Letter 09: आज की शिक्षा प्रणाली
Letter 10: शिखर पर पहुँचने का रास्ता
Letter 11: भारत दुनिया का अग्रणीय राष्ट्र बनने की कगार पर
Letter 13: ड्रामे का गुह्य रहस्य
आज बाह्य यात्रा के बजाय अंतर्यात्रा पर जाने का समय है

प्रिय बच्चों (ईशा, हर्षित, आस्था, संज्ञा),
परमात्मा कहते हैं,
“यह सृष्टि एक रंगमंच है, जिसमें हम इंसान Actor (पार्टधारी) हैं।”
यहाँ हम सब मुसाफिर हैं, यहाँ किसी का घर नहीं है।
According to Shakespeare,
“All the world’s a stage and all the men and women merely players.”
और यह बात संसार के लगभग सभी धर्म स्वीकारते हैं।
रंगमंच के दो रूप होते हैं, एक परदे के पीछे दूसरा परदे के आगे।
कलाकार मंच पर जाकर Act करता है (अर्थात हँसाना, रोना, गुस्सा करना, बदला लेना, आदि) और परदे के पीछे आते ही वह सामान्य हो जाता है।
रंगमंच की थकान परदे के पीछे आते ही उतर जाती है।
कलाकार को यह विश्वास होता है कि अगर अभिनय करते करते चोट लग जाए या अन्य कोई परेशानी हो जाये तो मेरी सेवा का प्रबन्ध परदे के पीछे है। इसलिए वह Act करते समय निश्चिन्त रहता है।
इसी तरह हम इंसानों के लिए भी परदे के पीछे एक जगह है, जहाँ सेवाधारी भी हैं, परन्तु हम उसे भूल गए हैं। Backstage अर्थात परदे के पीछे है, “परमधाम”, जो हमारा मूल वतन है, हमारा प्यारा (परमात्मा का घर, पिता का घर) असली घर है, जहाँ से हम सब इस सृष्टिमंच पर पार्ट बजाने (Act) आते हैं। या आये हैं।
यदि हम सब पार्ट बजाते बजाते बीच बीच में परमधाम जाकर परमात्मा से मिलन मनायें तो हमारी थकान उतर जाती है और हमारी चोटें या जख्म परमात्मा प्यार के मलहम से हील हो जाते हैं। और फिर आकर (वापिस) दुगने उत्साह व उमंग से पार्ट बजाते हैं। और इस तरह यह सिलसिला चलता रहता है।
इस बात को हम जितनी जल्दी और अच्छी तरह समझ लें तो उतनी ही जल्दी भय या डर समाप्त हो जायेगा। ड्रामे का हर सीन खेल लगेगा। हम चिंता मुक्त हो जायेंगे।
With lots of Love & Affection
Dada
Krishna Gopal
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