Blissful Life by Krishna Gopal
Letter 10: शिखर पर पहुँचने का रास्ता
Letter 01: What are IQ, EQ, and SQ?
Letter 02: Spirituality Quiescent (to know the creator of the universe and its creation)
Letter 03: Relation between soul and body
Letter 05: भक्ति व ज्ञान मार्ग में अंतर
Letter 08: The future of the country is in the hands of youngsters?
Letter 09: आज की शिक्षा प्रणाली
Letter 10: शिखर पर पहुँचने का रास्ता
Letter 11: भारत दुनिया का अग्रणीय राष्ट्र बनने की कगार पर
Letter 13: ड्रामे का गुह्य रहस्य
आज बाह्य यात्रा के बजाय अंतर्यात्रा पर जाने का समय है

शिखर पर पहुँचने का कोई आसान रास्ता नहीं है
(जीवन को बेहतर से बेहतरीन बनाने के सूत्र)
प्रिय बच्चों,
Boxing का सिद्धांत है कि हम सबसे पहले दुश्मन के वार का सामना करने के बजाय उसे खाली जाने दें और तब तक जब तक वो थक न जाये। उसके बाद आपका पहला वार ही इतना सक्षम होगा कि वो दुश्मन के पस्त होने की नींव डाल देगा। युद्ध में विजय पाने की सबसे कारगर रणनीति होती है कि दुश्मन की Supply line काट दी जाये, उसे अलग थलग, अकेला कर दिया जाये। ऐसा करके आप आपदा रूपी युद्ध को भी जीत सकते हैं। जरूरत है तो बस आत्मविश्वास व संयम की।
- जीवन इतना सरल नहीं होता जितना हम समझ लेते हैं। यह एक संग्राम है, जिसे निरंतर लड़ते रहना है।
- हम जीवन में किये जाने वाले सभी कार्यों की उनकी उपयोगिता अनुसार एक list बनायें और प्रश्नपत्र की तरह देखें कि कौन कौन से प्रश्न हो गए हैं और कौन से बाकी हैं। बाकी प्रश्नों की वजह तलाश करें, उनसे मुँह न मोड़ें और न ही टालने की कोशिश करें। list को बार बार दोहराते रहें। विश्वास कीजिये बगैर उपचार के हम रोगमुक्त नहीं हो सकते, वर्तमान का मामूली प्रयास भी आने वाली बड़ी परेशानी से निजात दिला सकता है।
- नकारात्मक सोच से बचिये। “Yes! You can do it.” चींटी से मिली सीख को सम्मुख रखिये। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, या तो वो जीतते हैं, या सीखतें हैं, हारते कभी नहीं।
- पाने के लिए देना सीखना होगा। जितना हम देते हैं, वह Multiple होकर मिलता है। “Like things attract the like things”, ऐसा मत सोचें कि आपके पास देने को कुछ नहीं है, यदि इस पर आप गंभीरता से सोचेंगे तो आप पाएंगे कि आपके पास देने के लिए काफी कुछ है।
एक अन्धा सैनिकों को युद्ध में जाता देख बोलै, “माँ! मैं भी युद्ध में जाऊँगा।” माँ अचम्भित होकर बोली, “मगर बेटे तुम तो…” बेटा बीच में ही बोल उठता है, “माँ! मैं कम से कम दुश्मन की एक गोली तो कम कर ही सकता हूँ।” ऐसे जज्बे का विकास करना होगा। - समय और जिंदगी दुनियाँ के दो सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं। जिंदगी समय का सदुपयोग सिखाती है और समय जिंदगी की कीमत समझाता है। ध्यान रहे बीता समय कभी लौट कर नहीं आता।
- अपना रास्ता स्वयं बनाना होगा। हिम्मत का पहला कदम स्वयं उठाना होगा। आगे का रास्ता स्वयं खुलता चला जाता है। नदी जब बहना शुरू करती है तो अपना रास्ता तय नहीं करती, रास्ता तो अपने आप बनता चला जाता है। पहाड़ हो, जंगल हो, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, वो आगे बढ़ती हुई विशाल रूप ले लेती है।
- यह सोचकर कि मेरा जन्म तो गरीब परिवार में हुआ, मेरे माँ बाप शिक्षित नहीं हैं। मैं अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ सका। क्यों या कैसे होगा ? मत सोचिये। आपसे पहले दुनियाँ की सारी महान हस्तियाँ इन्हीं परिस्थितियों से होकर गुजरी हैं। उन्हें जो कुछ परमात्मा या परिवार से मिला उसे ईश्वर की दी हुई सौगात मानकर स्वीकार किया और अपनी प्राप्तियों से संसार को रौशन किया। ताश के खेल में पत्ते मिलना हमारे हाथ में नहीं होता पर खेल कैसे खेलें यह तो हमारे हाथ में होता है।
- जीवन एक बहती धारा है, परिवर्तनशीलता संसार का नियम है, इस सत्य को जितना अच्छी तरह समझ लेंगे, जीवन उतना ही सरल हो जायेगा। नाटक = ना + अटक (हम सब संसार रुपी नाटक के पात्र हैं)।
- “आज” रुपी उपहार आपको ईश्वर की तरफ से भेंट मिला है। कल रात जो व्यक्ति सोये थे, उनमें से हर व्यक्ति आज सुबह जाग नहीं सका लेकिन आप तो सचमुच जागे हैं। यानि ऊपर विराजमान ईश्वरीय शक्ति ने आपको इस योग्य माना है कि आपको एक और आज दिया जाये। अतः इसका मूल्य समझते हुए इसे मूलयवान बनाएं तथा उस Supreme power को यह Return Gift दें।
With lots of Love & Affection
Dada
Krishna Gopal
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