Blissful Life by Krishna Gopal
Letter 11: भारत दुनिया का अग्रणीय राष्ट्र बनने की कगार पर
Letter 01: What are IQ, EQ, and SQ?
Letter 02: Spirituality Quiescent (to know the creator of the universe and its creation)
Letter 03: Relation between soul and body
Letter 05: भक्ति व ज्ञान मार्ग में अंतर
Letter 08: The future of the country is in the hands of youngsters?
Letter 09: आज की शिक्षा प्रणाली
Letter 10: शिखर पर पहुँचने का रास्ता
Letter 11: भारत दुनिया का अग्रणीय राष्ट्र बनने की कगार पर
Letter 13: ड्रामे का गुह्य रहस्य
आज बाह्य यात्रा के बजाय अंतर्यात्रा पर जाने का समय है

मेरे प्यारे देशवासियों,
अमेरिका के इतिहास में सबसे बुरे दिन कभी रहे हैं तो वो हैं 1929 से 1933 का समय (विश्वव्यापी आर्थिक महामंदी के कारण), उस समय वहाँ की आर्थिक स्थिति पूर्ण रूपेण बर्बाद हो चुकी थी, 150 लाख लोगों के पास Jobs नहीं थे। उनका परिवार भूख से मर रहा था तो दूसरी और जिनके पास घर नहीं थे वें ठंड से मर रहे थे। कई हजार छोटे किसान अपनी जमीन खो चुके थे। बैंक, कारखाने बंद होने की कगार पर थे। लोग घोर निराशा व बेचैनी में जी रहे थे। आगे क्या होगा, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। पूर्ण राष्ट्र एक त्रासदी (दर्द) में जी रहा था।
ऐसी परिस्थिति में नये निर्वाचित President Franklin Delano Roosevelt को 4 मार्च 1933 को अपनी पहली Inaugural Speech देनी थी। सम्पूर्ण राष्ट्र उनके प्रथम भाषण से बहुत कुछ करिश्माई उम्मीद लगाए बैठा था। पूरा राष्ट्र रेडियो पर उन्हें सुनने के लिये सड़कों पर, बार में उमड़ पड़ा था। ऐसी परिस्थिति में नये निर्वाचित President Franklin Roosevelt के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती थी कि वो जनता के दिलों में विश्वास व आशा की किरण को जगाना।
उनका पहला वाक्य था, “This is the day of national consecration. There is no time to look back. This is the time to face the facts. There are grave problems ahead, we have to meet the challenge with courage. Have faith in the nation and its future. This great nation will endure, will revive, and will prosper. (ऐसे ही हमारे देश में मृत्यु के बाद तेरहवीं का रिवाज होता है)
इसके लिये सबसे पहले हम सबको अपने अंदर के छिपे डर को (जिससे आप भयभीत हो रहे हैं कि अब क्या होगा) निकालना होगा, क्योंकि उस डर का न कोई कारण है और न ही कोई Justification. (मौत के बाद ही नया जीवन मिलता है।)
आपका यह डर आपको आगे ले जाने की बजाय आपको पीछे धकेलेगा। अतः मेरे प्यारे अमेरिकन्स, अपने मन में छुपे उस भय के आतंक को दूर कर दें।
ऐसे ही कुछ शब्दों ने समुच्च राष्ट्र की जनता में एक Thrill (सनसनी, रोमांच) उत्पन्न कर दी। लोग शायद कुछ इसी तरह के शब्द सुनना चाहते थे। उनके ये शब्द बिजली के करंट की भांति असर कर गये थे। शायद जनता के आत्म विश्वास को जगाने का इससे अच्छा कोई और रास्ता न था।
आगे President कहते हैं, अब हम डरेंगे नहीं, यह महान देश अपने पैरों पर खड़ा होगा। हम पुनः बुलंदियों को छुयेंगे।”
और इस सब का नतीजा है अमेरिका आज का एक शक्तिशाली राष्ट्र है “A world leader”. तो फिर हम क्यों नहीं ? हमारा इतिहास साक्षी है। हम Global leader थे और हम फिर होंगे। जरूरत है तो बस कमर कसने की… आज देश को प्रथम बार आदि सनातन देवी देवता धर्म का उपासक, सर्व का कल्याणकारी, मन की बात करने वाला, संसार का चहेता देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी मिले हैं। अतः निश्चित रूप से कोरोना की तेरहवीं के लिए तैयार रहें। उसके बाद राष्ट्र उनके नेतृत्व में चमकते दमकते सूर्य की तरह उभरेगा।
John F Kennedy की ये पंक्तियाँ बड़ी सामायिक प्रतीत होती हैं “यह मत पूछो देश ने तुम्हारे लिए क्या किया है, यह पूछो कि तुमने देश के लिए क्या किया है।”
कहने का अर्थ है “सबका साथ है तो विकास निश्चित है। जो लोग पानी से नहाते हैं वो महज लिबास बदलते हैं और जो लोग पसीने से नहाते हैं वो इतिहास बदलते हैं।”
अतः “Be History changer.” इतिहास पढ़ने वालों में और इतिहास लिखने वालों में बड़ा अंतर होता है।
With lots of Love & Affection
Dada
Krishna Gopal
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